सेक्स हर महिला और पुरुष की जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन कभी-कभी कुछ परेशानियों के चलते सेक्स आनंद के बजाय बहुत ज्यादा दर्द का कारण बन जाता है। अगर आपको सेक्स के दौरान दर्द की समस्या हो तो तुरंत हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर से सम्पर्क करें।
सेक्स के दौरान दर्द या डिस्परेयूनिया, सेक्स के ठीक पहले, सेक्स के दौरान या बाद में लगातार या बार-बार होने वाला दर्द है। दर्द जेनिटल एरिया यानी जननांग क्षेत्र में होता है। महिलाओं को वेजाइना एरिया में बाहरी रूप से दर्द हो सकता है- लेबिया (वेजाइना लिप्स) या वेजाइना ओपनिंग पर। कुछ को अंदरूनी हिस्से में दर्द महसूस होता है जैसे कि सर्विक्स, यूटेरस या पेट के निचले हिस्से में। यह एक कॉमन कंडीशन है, जिससे नकारात्मक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव हो सकते हैं। शारीरिक दर्द के अलावा इससे कपल को इंटिमेसी में कमी या रिश्ते में तनाव महसूस कर सकते हैं। आपका डॉक्टर लक्षणों के आधार पर उचित उपचार की सलाह दे सकते हैं।
अगर सेक्स के दौरान दर्द होता है तो आप महसूस कर सकते हैं:
कई मामलों में सेक्स के दौरान दर्द योनि (वेजाइना) में पर्याप्त लचीलापन (लुब्रिकेशन) न होने पर हो सकता है। ऐसे केस में समस्या को हल किया जा सकता है अगर आराम से होते हैं, फोरप्ले करते हैं या अगर सेक्सुअल लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करते हैं।
महिलाओं में डिस्परेयूनिया :-
वेजाइनल एट्रोफी:- इसमें वेजाइना लाइन अपनी सामान्य नमी और मोटाई खो सकती है और खाली, पतली और इसमें सूजन हो सकती है। यह दवाई, मेनोपॉज या दूसरे हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है।
वेजिनीस्मस:- चोट लगने या ट्रामा के डर से वेजाइना की मसल्स में ऐंठन होती है।
वेजाइना में इंफेक्शन:- ये कंडीशन कॉमन हैं और इसमें यीस्ट इंफेक्शन भी शामिल हैं।
गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के साथ समस्या :- पेनिस सर्विक्स में बहुत गहरी जगह पहुंच सकता है। इसलिए सर्विक्स के साथ समस्याएं (जैसे इंफेक्शन) डीप पेनेट्रेशन यानी ज्यादा गहराई से इंटरकोर्स करने के दौरान दर्द पैदा कर सकती हैं।
बच्चेदानी (यूटेरस) के साथ समस्याएं :- इनमें गांठ (फाइब्रॉएड) शामिल हैं जो डीप इंटरकोर्स पैन यानी बहुत गहरा दर्द का कारण बन सकते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस:- एक ऐसी कंडीशन जिसमें एंडोमेट्रियम (यूटेरस की टिश्यू लाइन) यूटेरस के बाहर बढ़ता है।
ओवरी के साथ समस्याएं :- ओवरी में सिस्ट सेक्स के दौरान दर्द पैदा कर सकती है।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज:- अंदर के टिश्यू बुरी तरह से सूज जाते हैं और सेक्स के दौरान दबाव से गहरा दर्द होता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी:- प्रेगनेंसी जिसमें फर्टिलाइज्ड एग यूटेरस के बाहर विकसित होता है। सर्जरी या बच्चे के जन्म के तुरंत बाद सेक्स करने पर भी दर्द हो सकता है।
यौन संचारित संक्रमण (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन):- इनमें जेनिटल वार्ट्स, दाद घाव या दूसरी यौन संचारित संक्रमण बीमारियां हो सकती है।
वल्वोडायनिया:- इसमें योनि के आसपास मौजूद वुल्वर क्षेत्र में बहुत गंभीर दर्द होता है।
वल्वा या वेजाइना में चोट:- बच्चे के जन्म से या डिलीवरी के दौरान पेरिनेम (वेजाइना और एनस के बीच की त्वचा का क्षेत्र) में कट लगाने से स्किन फट सकती हैं। इस कारण भी सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है। जेनिटिला यानी जननांग को प्रभावित करने वाले स्किन डिसऑर्डर के कारण भी सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है।
मनोवैज्ञानिक समस्या (साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम): - एंग्जायटी, डिप्रेशन और कम सेल्फ-इस्टीम (खुद को कम आंकना) यौन उत्तेजना को रोक सकते हैं। अगर सेक्सुअल एब्यूज यानी यौन शोषण का शिकार हुए हैं तब भी सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है।
पुरुष में डिस्परेयूनिया :-
महिलाओं की तरह पुरुष भी सेक्स के दौरान पर्याप्त वेजाइनल लुब्रिकेशन न होने पर दर्द महसूस हो सकता है। कुछ मामलों में पुरुषों में पेनाइल डिसऑर्डर के कारण भी सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है:
फोरस्किन डैमेज :- फोरस्किन (पेनिस के सिर को ढकने वाली स्किन) में रगड़ लगने या फटने से दर्द हो सकता है।
यौन संचारित संक्रमण (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन):- यीस्ट इंफेक्शन या फोरस्किन का इंफेक्शन साथ ही जेनिटल हर्प्स यानी जननांग दाद या गोनोरिया जैसे सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन को दर्दनाक बना सकते हैं।
पेनिस डिफोर्मिटीज:- पेरोनी रोग या पेनिस से जुड़े दूसरी समस्याएं सेक्स के दौरान दर्द का कारण बन सकते हैं।
दर्दनाक इरेक्शन:- प्रियपिज्म (priapism) जैसी कंडीशन से लगातार दर्दनाक इरेक्शन हो सकता है।
दर्द की जगह यह तय करने में मदद कर सकती है कि किस प्रकार का डिस्परेयूनिया हैं:
प्रवेश के समय दर्द (इंट्रा ऑर्बिटल या सुपरफिशियल डिस्परेयूनिया):
योनि में प्रवेश के समय यह दर्द महसूस होता है। प्रवेश के समय दर्द लुब्रिकेशन की कमी, चोट या संक्रमण के कारण हो सकते हैं।
डीप पैन (कॉलिशन डिस्परेयूनिया):
यह दर्द डीप पेनेट्रेशन के समय होता है और कुछ सेक्सुअल पॉजिशन में बदतर महसूस कर सकता है। सर्विक्स या पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है। मेडिकल कंडीशन या पहले की गई सर्जरी आमतौर पर सेक्स के दौरान दर्द का कारण बनती है।
शारीरिक संबंध बनांने (इंटरकोर्स) के दौरान दर्द को प्राइमरी, सेकेंडरी, कंप्लीट या स्थिति के हिसाब से भी बताया जा सकता है:
महिलाओं और पुरुषों दोनों को डिस्परेयूनिया हो सकता है, लेकिन यह कंडीशन महिलाओं में होना ज्यादा आम है। डिस्परेयूनिया मेनोपॉज होने के बाद महिलाओं की सबसे आम समस्याओं में से एक है।
आप ज्यादा जोखिम में हैं अगर आप:-
Cicle एक हेल्थ फ्रेंडली एप्लीकेशन है, जहां आप प्रेगनेंसी से जुड़े मामलों में कंसल्ट कर सकती है। आप अपनी सुविधा अनुसार घर बैठे ही हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम से मदद ले सकती हैं। आप चाहे तो हमारे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक कर अपने घर पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सलाह ले सकती हैं। अपॉइटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।
कई महिलाएं सेक्स के दौरान होने वाले दर्द पर बात करने से बचती हैं। वे सोचती हैं, ऐसा होना सामान्य है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह किसी बड़ी समस्या का संकेत भी दे सकता है। रिसर्च बताते हैं कि कई महिलाएं जो सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव करती हैं, वे अपने पार्टनर को इस बारे में नहीं बताती हैं या इसे कम करने के लिए डॉक्टर से मदद नहीं लेती हैं। इसके कारण शर्मिंदगी या शर्म की भावना, हिचकिचाहट, कम जानकारी हो सकते हैं।
डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर पूरी तरह से हेल्थ हिस्ट्री और फिजिकल टेस्ट के जरिए डिस्परेयूनिया की जांच कर सकते हैं। पेल्विस, पेट, वेजाइना और यूटेरस की जांच की जाती है।
दर्द का कारण पता लगाने के लिए हेल्थ केयर प्रोवाइडर निम्न जांच कर सकते हैं:
फिजिकल एग्जाम:-
इसमें पैल्विक एग्जाम, रेक्टल एग्जाम और पैप टेस्ट कर सकते हैं। हेल्थकेयर प्रोवाइडर इन्फेक्शन के लक्षणों को टेस्ट करने के लिए वेजाइनल फ्लूड और यूरिन का सैंपल भी ले सकते हैं।
अल्ट्रासाउंड:-
ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड से महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम यानी प्रजनन प्रणाली की बेहतर इमेज मिल सकती है।
लैप्रोस्कोपी:-
कुछ केस में दूसरे टेस्ट के सही नतीजे न मिलने पर लैप्रोस्कोपी का इस्तेमाल किया जाता है।
डिस्परेयूनिया के लिए कोई खास रोकथाम नहीं है। लेकिन सेक्स के दौरान दर्द के जोखिम को कम करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं:
डिस्परेयूनिया अगर बच्चेदानी में गांठ (यूटेरस में फाइब्रॉएड) या एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण है तो पीरियड्स पर असर पड़ सकता है।
अगर सेक्स के दौरान दर्द, ब्लीडिंग, जननांग घाव, अनियमित पीरियड्स, वेजाइनल डिस्चार्ज या वेजाइनल मसल्स कॉन्ट्रेक्शन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। बिना किसी मेडिकल कारण के दर्द होने पर किसी सर्टिफाइड सेक्स काउंसलर या थेरेपिस्ट के पास जाएं।
डिस्परेयूनिया का इलाज उसके कारणों पर निर्भर करता है। डॉक्टर इसका इलाज कई तरीके से कर सकते हैं।
दवाएं
अगर कोई इंफेक्शन या मेडिकल कंडीशन के कारण दर्द होता है तो कारण का इलाज करने से समस्या दूर हो सकती है। कोई ऐसी दवाई ले रहे हैं जिससे लुब्रिकेशन प्रॉब्लम हो रही है, उसे बदलने से भी डिस्परेयूनिया के लक्षण खत्म हो जाएंगे।
मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं में कम एस्ट्रोजन लेवल के कारण कम लुब्रिकेशन होता है, जिससे डिस्परेयूनिया हो सकता है। योनि (वेजाइना) पर सीधे अप्लाई करने वाले टॉपिकल एस्ट्रोजन का इस्तेमाल कर इसका इलाज किया जा सकता है। डॉक्टर कुछ महिलाओं को डिस्परेयूनिया के इलाज के लिए दवा ओस्पेमीफीन (ओस्पेना) दे सकते हैं, जिन्हें लुब्रिकेशन की समस्या है। ऑस्पेमीफीन वेजाइना लाइन पर एस्ट्रोजन की तरह काम करती है। सेक्स के दौरान दर्द को दूर करने के लिए प्रास्टेरोन (इंट्रोसा) नाम का कैप्सूल दिया जाता है जिसे रोजाना वेजाइना के अंदर रखते हैं।
अन्य उपचार
डिसेन्सीटाइजेशन थेरेपी:-
डॉक्टर वेजाइनल रिलेक्शन प्रैक्टिस करने की सलाह देते हैं, इससे दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
काउंसलिंग या सेक्स थेरेपी:-
अगर सेक्स कुछ समय से दर्दनाक हो रहा है और इलाज के बाद भी यौन उत्तेजना के प्रति नकारात्मक भावनात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। अगर आप और आपके पार्टनर इंटिमेसी से परहेज कर रहे हैं तो आपको कम्युनिकेशन में सुधार लाने और सेक्सुअल इंटिमेसी को बहाल करने में भी मदद की जरूरत हो सकती है। काउंसलर या सेक्स थेरेपिस्ट से बात करने से इन परेशानियों को हल करने में मदद मिल सकती है। कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी यानी संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी भी नकारात्मक विचारों और व्यवहार को बदलने में मददगार हो सकती है।
अगर डिस्परेयूनिया होने का एक कारण हार्मोनल बदलाव है तो डॉक्टर बेहतर डाइट का सुझाव भी दे सकते हैं। लेकिन सिर्फ डाइट ही डिस्परेयूनिया को दूर करने के लिए काफी नहीं है। डॉक्टर से पूरा इलाज करवाना जरूरी है। हालांकि हार्मोनल बदलाव में डाइट बड़ा रोल निभाती है। आप चाहें तो डाइट से जुड़ी जानकारी के लिए हमारे डायटीशियन से संपर्क करें।
आपके लिए डिस्परेयूनिया का सबसे बेहतर उपचार इसके होने के कारण पर निर्भर करता है। अगर सेक्स के दौरान दर्द की समस्या है तो बिना संकोच किए डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। क्योंकि अगर यह किसी मेडिकल कंडीशन के कारण है तो ज्यादा समय गंवाने पर नुकसान हो सकता है।
्या मानसिक तनाव भी डिस्परेयूनिया का कारण बनता है?
सेक्सुअल एब्यूज़ यानी यौन शोषण का होना डर का कारण हो सकता है। इसके अलावा पेल्विक फ्लोर डिसऑर्डर भी डिस्परेयूनिया का कारण बनता है, और मानसिक परेशानी कम लिबिडो का कारण बनती है। ये महिलाओं में डिस्परेयूनिया का कारण हो सकते हैं।
क्या डिस्परेयूनिया प्रजनन क्षमता पर असर (इनफर्टिलिटी) डालता है?
नहीं, डिस्परेयूनिया इनफर्टिलिटी का कारण नहीं बन सकता है। यह महिला के बच्चे पैदा करने की क्षमता को प्रभावित नहीं करता है।
सेक्स के दौरान दर्द होना आम है?
सेक्स के दौरान दर्द होना आम है- 4 में से लगभग 3 महिलाओं को अपनी जिंदगी में कभी न कभी सेक्स के दौरान दर्द होता है। कुछ महिलाओं के लिए दर्द सिर्फ एक अस्थायी समस्या है; दूसरों के लिए, यह एक लॉन्ग-टर्म प्रॉब्लम है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पूरी दुनिया में साल 2006 में 8% और 21.1% के बीच डिस्परेयूनिया के केस रिपोर्ट किए। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक, लगभग 75 प्रतिशत महिलाओं को कभी न कभी सेक्स के दौरान दर्द होता है। ऐसे में सेक्स के दौरान दर्द होने पर झिझकने के बजाय डॉक्टर से बात करें। अगर आपको इसे लेकर कन्फ्यूजन है तो हमारे डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। आप चाहें तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर से भी चर्चा कर सकते हैं।अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।