जब प्रेगनेंसी के 20वें हफ्ते से पहले फेटस (भ्रूण) या एम्ब्रो की मौत हो जाती है तो इसे मिसकैरेज कहा जाता है। सभी ज्ञात प्रेगनेंसी के मामले में 10 से 20 प्रतिशत मिसकैरेज होता है। हालांकि सही आंकड़ा और ज्यादा हो सकता है क्योंकि प्रेगनेंसी में बहुत से मिसकैरेज बहुत जल्दी हो जाते हैं, कभी-कभी आपको एहसास भी होता है कि आप प्रेगनेंट हैं। भले ही मिसकैरेज एक आम घटना है, फिर भी यह कम मुश्किल नहीं है।
योनि से ब्लीडिंग होना मिसकैरेज का सबसे आम संकेत है।
ब्लीडिंग जो धीरे से बढ़ जाती है।
हालांकि यह हमेशा मिसकैरेज का संकेत नहीं होता है, लेकिन पहली तिमाही में योनि से हल्की ब्लीडिंग बहुत ही सामान्य है।
योनि से ब्लीडिंग होने पर जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर लगातार तीन या ज्यादा मिसकैरेज (बार-बार मिसकैरेज) हुआ है और अभी की प्रेगनेंसी को लेकर आप चिंतित हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर प्रारंभिक गर्भावस्था सुविधा (early pregnancy facility) में जाना चाहिए।
अन्य लक्षणों में शामिल हैं :
अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। हो सकता है इस कंडीशन में आपको इमरजेंसी रूम में जाने की सलाह दी जाएं।
ज्यादातर मिसकैरेज तब होते हैं जब एक अजन्मे बच्चे में घातक जेनेटिक कंडीशन होती हैं। इनका आमतौर पर मां से कोई लेना-देना नहीं होता है। लगभग 50% मामलों में मिसकैरेज एक्स्ट्रा या मिसिंग क्रोमोसोम के कारण होता है। क्रोमोसोम संबंधी समस्याएं आमतौर पर माता-पिता से मिले दोष नहीं होते हैं, बल्कि ऐसी गलतियां होती हैं जो संयोग से होती हैं क्योंकि भ्रूण विभाजित हो जाता है।
निम्नलिखित समस्याओं के कारण मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है: