किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी सबसे सुखद अनुभव होता है लेकिन जानकारी के अभाव में उलझन बढ़ जाती है। अगर आप प्रेगनेंट हैं तब उचित देखभाल और गाइडेंस के लिए तुरंत हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर से सम्पर्क करें।
मिसकैरेज क्या है?
मिसकैरेज 20वें हफ्ते से पहले प्रेगनेंसी का अचानक से खत्म होने को कहते हैं। कई मामलों में महिलाओं को प्रेगनेंसी का नहीं पता होता, और मिसकैरेज हो जाता है। ज्ञात प्रेगनेंसी की लगभग 10 से 20 प्रतिशत मिसकैरेज हो जाता है। लेकिन असल संख्या इससे ज्यादा होने की संभावना है। मिसकैरेज में केस में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, क्योंकि इसमें इमरजेंसी की कंडीशन बन सकती है। मिसकैरेज का कारण जानना जरूरी है, किन चीजों और एक्टिविटी से इसका जोखिम बढ़ता है। इन बातों को जानकर आपको आगे के लिए तैयार रहना चाहिए।
मिसकैरेज से जुड़े कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, डॉक्टर लक्षण के मुताबिक आपको इमरजेंसी रूम में या परामर्श के लिए ऑफिस या क्लीनिक बुला सकते हैं।
कुछ चीजें हैं जो मिसकैरेज होने के जोखिम को बढ़ा देती हैं। अगर प्रेगनेंसी को बनाए रखने में मुश्किल हो रही है तो डॉक्टर मिसकैरेज के कुछ ज्ञात कारणों की जांच कर सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर डेवलप हो रहे भ्रूण को हार्मोन और पोषक तत्व सप्लाई करता है। यह भ्रूण को बढ़ने में मदद करता है। ज्यादातर प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में मिसकैरेज इसलिए होता है क्योंकि भ्रूण सामान्य रूप से विकसित नहीं होता है। मिसकैरेज के कई अलग-अलग कारक हैं।
क्रोमोसोम में इन असामान्यताओं के निम्न उदाहरण हैं:
इंट्रा यूटेरिन फेटल डिमाइस यानी अंतर्गर्भाशयी भ्रूण मृत्यु:-
इसमें भ्रूण बनता है लेकिन प्रेगनेंसी लॉस के के लक्षण देखने या महसूस करने से पहले विकसित होना बंद हो जाता है।
ब्लाईटेड ओवम यानी अभिशप्त डिंब:-
इसमें भ्रूण बिल्कुल नहीं बनता है।
मोलर प्रेगनेंसी:-
क्रोमोसोम के दोनों सेट पिता से आते हैं, भ्रूण का कोई विकास नहीं होता है।
पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी या आंशिक मोलर गर्भावस्था:
इसमें पिता के दो क्रोमोसोम आते हैं, लेकिन मां के क्रोमोसोम ही बचे रहते हैं। जब भ्रूण की कोशिकाएं विभाजित होती हैं, या एक डैमेज हुए एग या स्पर्म कोशिकाओं के कारण कुछ गलतियां हो सकती है। प्लेसेंटा की समस्या से मिसकैरेज भी हो सकता है।
कई तरह की हेल्थ कंडीशन और लाइफस्टाइल की आदते फेट्स यानी भ्रूण के डेवलपमेंट में दखलंदाजी करती हैं। एक्सरसाइज और सेक्सुअल इंटरकोर्स से मिसकैरेज नहीं होता है। काम करने से फेट्स पर कोई असर नहीं पड़ता, जब तक कि आप नुकसानदायक केमिकल और रेडिएशन के संपर्क में न आएं।
फेट्स के डेवलपमेंट में निम्न कंडीशन रुकावट डाल सकती है:
मिसकैरेज कई तरह के होते हैं, इसमें अलग-अलग तरह के लक्षण होते हैं और इसकी प्रक्रियाएं और नतीजे भी अलग-अलग होते हैं।
केमिकल प्रेगनेंसी
केमिकल प्रेगनेंसी अर्ली मिसकैरेज यानी शुरुआती गर्भपात है जो यह जानने से पहले ही हो सकता है कि प्रेगनेंट हैं। चूंकि प्रेगनेंसी टेस्ट ज्यादा बहुत कॉमन हो गए हैं, इसलिए केमिकल प्रेगनेंसी की बढ़ती संख्या की जांच की गई है।
केमिकल प्रेगनेंसी सबसे ज्यादा संभावना फर्टिलाइज्ड एग में क्रोमोसोम संबंधी असामान्यताओं का रिजल्ट है। एक एग फर्टिलाइज्ड होता है, लेकिन इम्प्लांटेशन के तुरंत बाद अक्षम हो जाता है, और अल्ट्रासाउंड पर कभी दिखाई नहीं देता है। केमिकल प्रेगनेंसी के कोई संकेत नहीं हो सकते हैं। ज्यादातर महिलाओं को अपने अगले पीरियड्स के आसपास के समय खून बहना शुरू हो जाता है, हालांकि पीरियड पिछले के मुकाबले भारी हो सकते हैं।
कंप्लीट मिसकैरेज यानी पूरी तरह से मिसकैरेज
पूरी तरह से मिसकैरेज कंप्लीट अबॉर्शन के बारे में बताता है जिसमें प्रेगनेंसी के सभी टिश्यू को यूटेरस से बाहर निकल जाते हैं। कंप्लीट मिसकैरेज में वेजाइना से हैवी ब्लीडिंग, पेट में तेज दर्द और प्रेगनेंसी के टिश्यू बाहर हो जाते हैं। कम्प्लीट मिसकैरेज में ब्लीडिंग और दर्द जल्दी से कम होने की संभावना ज्यादा होती है। अल्ट्रासाउंड के जरिए कंप्लीट मिसकैरेज की पुष्टि की जा सकती है।
इनकंप्लीट मिसकैरेज या अधूरा गर्भपात
इनकंप्लीट मिसकैरेज को अधूरा गर्भपात भी कहा जाता है, यह तब होता है जब प्रेगनेंसी के सभी में से सिर्फ कुछ टिश्यू बाहर निकल जाते हैं। इनकंप्लीट मिसकैरेज में अक्सर हैवी वेजाइनल ब्लीडिंग और तेज पेट दर्द होता है। इसमें सर्विक्स खुल जाता है और कुछ बचे प्रेगनेंसी के टिश्यू टेस्ट के दौरान यूटेरस में दिखाई देंगे।
इनएविटेबल मिसकैरेज यानी अपरिहार्य गर्भपात
इनएविटेबल मिसकैरेज शुरुआती प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइना से ब्लीडिंग और और पेट दर्द के बारे में बताता है। इसमें हैवी ब्लीडिंग और पेट में ऐंठन ज्यादा गंभीर होती है। इनएविटेबल मिसकैरेज में सर्वाइकल कैनाल का फैलाव होता है। खुला हुआ सर्विक्स इस बात का संकेत है कि शरीर मिसकैरेज की प्रक्रिया में है।
थ्रेटेनेड मिसकैरेज या संभावित गर्भपात
थ्रेटेनेड मिसकैरेज वेजाइनल ब्लीडिंग के बारे में बताती है, जो प्रेगनेंसी के पहले 20 हफ्तों के दौरान होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि प्रेगनेंसी मिसकैरेज में खत्म हो जाएगी। थ्रेटेनेड मिसकैरेज के लगभग आधे मामलों में प्रेगनेंसी सफल होती है और जीवित बच्चे का जन्म होता है।थ्रेटेनेड मिसकैरेज के अन्य लक्षणों में पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पेट में ऐंठन शामिल हैं। अगर प्रेगनेंसी के दौरान बिना किसी कारण के ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर टेस्ट करेंगे। थ्रेटेनेड मिसकैरेज में सर्विक्स बंद रहता है। हालांकि अगर टेस्ट से पता चलता है कि सर्विक्स खुल गया है तो मिसकैरेज की संभावना बढ़ जाती है।
मिस्ड मिसकैरेज
मिस्ड मिसकैरेज या मिस्ड एबॉर्शन तब होता है, जब फेट्स यानी भ्रूण इम्प्लांट हो जाता है, लेकिन डेवलप होने में सफल नहीं होता है। इसमें शरीर प्रेगनेंसी के टिश्यू को बाहर नहीं निकालता है। अगर प्लेसेंटा अभी भी हार्मोन रिलीज करे तो प्रेगनेंसी के लक्षण महसूस हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को वेजाइनल डिस्चार्ज और ऐंठन महसूस हो सकती है, लेकिन कई महिलाओं में मिसकैरेज के कोई लक्षण नहीं होते हैं। कभी-कभी शरीर फेट्स यानी भ्रूण के टिश्यू को बाहर निकाल देता है, लेकिन इसमें डिलेशन एंड क्यूरेटेज (डी एंड सी) प्रक्रिया करना जरूरी होती है।
कई कारक मिसकैरेज के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
उम्र:- 35 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं में कम उम्र की महिलाओं की तुलना में मिसकैरेज का खतरा ज्यादा होता है। 35 साल की उम्र में 20 प्रतिशत जोखिम होता है। 40 साल की उम्र में, जोखिम लगभग 40 प्रतिशत होता है। और 45 साल की उम्र में यह लगभग 80 प्रतिशत होता है।
पहले हुए मिसकैरेज:- जिन महिलाओं का लगातार दो या इससे ज्यादा बार मिसकैरेज हुआ है, उनमें मिसकैरेज का खतरा ज्यादा होता है।
गंभीर बीमारी या कंडीशन:- जिन महिलाओं की पुरानी स्थिति होती है, जैसे कि अनियंत्रित मधुमेह, उनमें गर्भपात का खतरा अधिक होता है।
यूटेरिन या सर्वाइकल की समस्याएं:- यूटेरस की कंडीशन या कमजोर सर्वाइकल टिश्यू से मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है।
स्मोकिंग, शराब और नशीले ड्रग्स:- प्रेगनेंसी के दौरान स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में स्मोकिंग न करने वालों की तुलना में मिसकैरेज का खतरा ज्यादा होता है। ज्यादा शराब के सेवन और अवैध नशीली दवाओं के सेवन से भी मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है।
वजन:- कम वजन या ज्यादा वजन होने को मिसकैरेज के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है।
इनवेसिव प्रीनेटल टेस्ट:- कुछ इनवेसिव प्रीनेटल जेनेटिक टेस्ट, जैसे कोरियोनिक विलस सैंपलिंग और एमनियोसेंटेसिस, से मिसकैरेज का थोड़ा जोखिम होता है।
Cicle एक हेल्थ फ्रेंडली एप्लीकेशन है, जहां आप प्रेगनेंसी से जुड़े मामलों में कंसल्ट कर सकती है। आप अपनी सुविधा अनुसार घर बैठे ही हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम से मदद ले सकती हैं। हमारी एप्लिकेशन पर आप चाहें तो अपनी पहचान गुप्त रख कर भी हमारे हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से चैट कर सकते हैं और अपने सवालों के जवाब हासिल कर सकती हैं। आप चाहे तो हमारे डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक कर अपने घर पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सलाह ले सकती हैं। अपॉइटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें ।
सोसायटी में मिसकैरेज को लेकर गलत जानकारियां और भ्रम फैले हुए हैं, जिसका असर महिला की सेहत पर पड़ता है, हम यहां आज इससे जुड़े भ्रम को लेकर चर्चा करेंगे। एक मिसकैरेज होने का मतलब है कि अगली बार भी मिसकैरेज होने की संभावना है। यह सच नहीं है, पहले गर्भपात के बाद दूसरी बार मिसकैरेज होने के चांसेस हो। हालांकि अगर दो बार मिसकैरेज हो जाए तो जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है। अगर कोई महिला बार-बार मिसकैरेज होने की समस्या से परेशान है, तो फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लेना जरूरी है, जो कारणों की जांच कर इलाज करेंगे। प्रेगनेंसी के दौरान स्पॉटिंग या ब्लीडिंग का मतलब है कि मिसकैरेज हो गया है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में वेजाइना से ब्लीडिंग बहुत कॉमन है, जो 20% से 40% प्रेगनेंट महिलाओं में होता है। इसलिए हमेशा स्पॉटिंग या ब्लीडिंग मिसकैरेज हो, जरूरी नहीं लेकिन ऐसे केस में लापरवाही न बरतें, बल्कि डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें।
आपका स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता कई प्रकार के परीक्षण कर सकता है। मिसकैरेज की आशंका या मिसकैरेज हो जाने पर डॉक्टर कई तरह की जांच कर सकते हैं।
पेल्विक एग्जाम
डॉक्टर पेल्विक एग्जाम के जरिए जांच कर सकते हैं कि सर्विक्स फैलना शुरू हुआ है या नहीं।
अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड के जरिए डॉक्टर भ्रूण के दिल की धड़कन की जांच करेंगे और तय करेंगे कि भ्रूण विकसित हो रहा है या नहीं। ऐसे मामलों में अल्ट्रासाउंड जरूरी है।
ब्लड टेस्ट
डॉक्टर ब्लड टेस्ट के जरिए खून में प्रेगनेंसी हार्मोन, ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) के स्तर की जांच कर सकते हैं और इसकी तुलना पिछली बार की गई जांच के साथ कर सकते हैं। अगर एचसीजी स्तर में होने वाले बदलाव का पैटर्न असामान्य है तो यह किसी समस्या की तरफ इशारा हो सकता है। डॉक्टर जांच कर सकते हैं कि क्या एनीमिया (खून की कमी) तो नहीं है।
टिश्यू टेस्ट
अगर टिश्यू वेजाइना के जरिए बाहर निकल चुके हैं तो मिसकैरेज की जांच के लिए लैब में भेजा जा सकता है, यह भी जांच की जाती है, यह टिश्यू किसी दूसरे कारणों से तो संबंधित नहीं है।
क्रोमोसोम टेस्ट
अगर इसके पहले भी दो या इससे ज्यादा मिसकैरेज हो चुके हैं, तो डॉक्टर यह तय करने के लिए आपके और आपके साथी दोनों का ब्लड टेस्ट का कह सकते हैं, इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि क्या आपके क्रोमोसोम मिसकैरेज के कारक हैं।
मिसकैरेज की घर पर जांच
मिसकैरेज की घर पर जांच नहीं की जा सकती है। इससे जुड़े लक्षणों से सिर्फ एक संभावना जताई जा सकती है, लेकिन कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें, क्योंकि कोई भी लक्षण गंभीर हो जाने पर जानलेवा और इमरजेंसी की स्थिति बना सकता है। अगर वेजाइना से स्पॉटिंग और ब्लीडिंग, पेट या पीठ के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन, वेजाइना से फ्लूड या टिश्यू निकलने जैसा कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
कई महिलाएं मिसकैरेज का अनुभव करती है, लेकिन डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है। मिसकैरेज के बाद कई तरह के कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं।
लगभग 3% महिलाओं को मिसकैरेज के बाद इंफेक्शन होने की संभावना हो सकती है। यह इंफेक्शन यूटेरस में प्रेगनेंसी के छोटे-मोटे अंश को बनाए रखता है। अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, अगर इंफेक्शन जुड़े कोई भी लक्षण हो जैसे कि :
मिसकैरेज के बाद का इंफेक्शन खतरनाक हो सकता है लेकिन आमतौर पर इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाता है।
मां बनना महिलाओं की जिंदगी में एक अनोखा और सबसे खुशनुमा पल होता है। ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी के समय बहुत उत्साहित होती है, अगर ऐसे में मिसकैरेज हो जाएं तो मन उदास हो जाता है। कई महिलाएं मिसकैरेज के बाद डिप्रेशन का अनुभव करती है। ऐसा होना आम है। ऐसे केस में महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए, मिसकैरेज सामान्य है, थोड़े दिनों में ठीक होने के बाद आप दोबारा प्रेगनेंसी कंसीव कर सकती है। अगर सोने में मुश्किल हो या या ज्यादा नींद आए, हर समय थकान महसूस हो, अचानक वजन बढ़ जाए या कम जाए, फोकस करने में परेशानी आए तो आप मनोवैज्ञानिक से संपर्क कर सकते हैं।
सभी तरह के मिसकैरेज को नहीं रोका जा सकता है। हालांकि हेल्दी प्रेगनेंसी को बनाए रखने में मदद के लिए कदम उठा सकती हैं। यहां कुछ सलाह दी गई हैं:
मिसकैरेज होने पर हो सकता है, इलाज की जरूरत न पड़े, या फिर लंबे वक्त तक इलाज करवाना पड़े। कंडीशन के हिसाब से मिसकैरेज का इलाज किया जाता है।
थ्रेटेनेड मिसकैरेज
थ्रेटेनेड मिसकैरेज के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर ब्लीडिंग या दर्द कम होने तक आराम करने की सलाह दे सकते हैं। मिसकैरेज को रोकने के लिए बेड-रेस्ट का विकल्प अब तक साबित नहीं हुआ है, लेकिन इसे सुरक्षा उपाय के रूप में तय किया जाता है। एक्सरसाइज और सेक्स से भी बचने के लिए कहा जा सकता है। हालांकि ये कदम मिसकैरेज के जोखिम को कम करने के लिए साबित नहीं हुए हैं, लेकिन ये आराम में सुधार कर सकते हैं। कुछ केस में सफर रोकना बेहतर है, इसे लेकर अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।
मिसकैरेज:-
डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कर चैक करते हैं कि एम्ब्रो (भ्रूण) मर गया है या कभी नहीं बना था। किसी भी नतीजे का मतलब मिसकैरेज निश्चित रूप से होगा। इस स्थिति में कई विकल्प हो सकते हैं:
मिसकैरेज का इलाज दवाई और सर्जरी दोनों के जरिए किया जाता है। कंडीशन के हिसाब से इलाज का तरीका चुना जाता है। किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर और किसी भी असुविधा से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
Cicle एक हेल्थ फ्रेंडली एप्लीकेशन है, जहां आप अपनी पहचान गुप्त रख कर भी हमारे हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से चैट कर सकते हैं और अपने सवालों के जवाब हासिल कर सकते हैं। Cicle के साथ जुड़ने से आप अपने समय और पैसे दोनों की बचत कर पाएगी। सामान्यतः आपको डॉक्टर के पास कंसल्ट करने के लिए सफर करना होता है, इसके लिए अलग से खर्चा भी होता है, लेकिन Cicle को डाउनलोड कर आप घर पर ही सुविधानुसार अपने समय के हिसाब से डॉक्टर के साथ अपॉइटमेंट लेकर अपनी हेल्थ पर चर्चा कर सकते हैं।
क्या मिसकैरेज में बच्चे को बचाया जा सकता है?
हां, हालांकि यह दुर्लभ है, लेकिन अगर आप समय पर गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करते हैं और रिपोर्ट से पता चलता है कि भ्रूण अभी भी व्यवहार्य है, और सर्विक्स फैला नहीं है तो बच्चे को बचाने की अनुकूल संभावना है। हालांकि अगर फेटस मर चुका है, और सर्विक्स फैल गया है तो संभावना है कि प्रेगनेंसी को नहीं बचाया जा सकता है।
क्या मिसकैरेज के दौरान महिलाओं की मौत हो सकती है?
नहीं, ऐसा सामान्यतः नहीं होता है। हालांकि अगर ब्लीडिंग ज्यादा और अनकंट्रोलेबल है, या उपचार नहीं मिलता तब सेप्सिस के कारण पेट और पेल्विस में गंभीर दर्द हो सकता है।
दोबारा प्रेगनेंट होने की कोशिश करने से पहले मुझे कितना इंतजार करना चाहिए?
अपनी अगली प्रेगनेंसी की योजना बनाने से पहले कुछ समय तक इंतजार करना चाहिए, यह हर मामले में अलग-अलग हो सकता है। मिसकैरेज के कारण के आधार पर यह या तो एक महीना या 6 महीने या एक साल भी इंतजार करना पड़ सकता है।
विश्व स्तर पर रिपोर्ट के मुताबिक हर 8 में से 1 प्रेगनेंसी पहली तिमाही में मिसकैरेज में खत्म हो जाती है। भारत में यह तादाद 32% जितना है। इन आंकड़ों को देखते हुए लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो अपने और बच्चे की बेहतर देखभाल के लिए गायनेकोलॉजिस्ट से बात करें, वह आपको बेहतर प्रेगनेंसी के लिए गाइड करेंगे। अगर किसी तरह की कोई समस्या हो तो उसे शुरूआती स्तर पर ही पहचान कर उसका इलाज किया जा सके। अगर आपको इसे लेकर कन्फ्यूजन है तो हमारे डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। आप चाहें तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमारे एक्सपर्ट डॉक्टर से भी चर्चा कर सकते हैं। अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए यहां क्लिक करें।